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Farmer Protest: क्यों दिल्ली कूच पर अड़े किसान, कब से चल रहा प्रदर्शन, क्या हैं मांगें? जानें हर सवाल का जवाब

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Farmer Protest: संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हजारों किसान नोएडा से दिल्ली कूच करने पर अड़े हैं। किसानों के दिल्ली कूच आह्नान को देखते हुए पुलिस की ओर से जीरो प्वाइंट पर बैरिकेड लगाकर चेकिंग की जा रही है। (Farmer Protest) इसके अलावा कासना, दादरी अन्य रूट से दिल्ली जाने वाले मार्ग पर बैरिकेड लगाकर चेकिंग की जा रही है।

चेकिंग की वजह से कई चौराहों पर यातायात का दबाव है। कई किसान नेताओं को उनके घर में नजरबंद किया गया है। (Farmer Protest) किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए चार हजार से ज्यादा पुलिस बल सड़कों पर है। एक दिन पहले ही तीनों प्राधिकरण और जिला प्रशासन के साथ किसानों की बैठक विफल रही।

दो घंटे तक जारी बैठक में के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं ने सोमवार को दिल्ली कूच करने की घोषणा की है। (Farmer Protest) किसान नेताओं ने दावा किया कि गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़ और आगरा से आए किसान दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

पिछले काफी समय से किसान नोएडा की तीनों प्राधिकरण का घेराव करते आ रहे हैं। आंदोलन करने वाले किसान संगठन जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून का फायदा देने की मांग कर रहे हैं।

Farmer Protest: क्या हैं किसानों की मांगें

10 फीसदी विकसित भूखंड और 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा प्रमुख मुद्दा है।
नए भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक, एक जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिया जाए
गौतमबुद्ध नगर में 10 वर्ष से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ा है, उसे बढ़ाया जाए
जिले में नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ लागू हों।
नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ, हाई पावर कमेटी द्वारा किसानों के हक में भेजी गई सिफारिशें लागू की जाएं
भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ मिलें।
कब से हो रहा धरना-प्रदर्शन?
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मोर्चा से जुड़े 10 किसान संगठनों ने 25 नवंबर को प्रदर्शन कर महापड़ाव शुरू किया।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाद किसान यमुना प्राधिकरण दफ्तर के सामने 28 नवंबर से धरने पर बैठे हैं।
रविवार को किसानों और अधिकारियों के बीच हाईलेवल की बेनतीजा बैठक हुई.

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