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Humayun Kabir: ‘बाबरी जैसी मस्जिद बनाऊंगा…’ विधायक के ऐलान पर TMC का बड़ा एक्शन, पार्टी ने किया सस्पेंड
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3 मिनट agoon

Humayun Kabir: पश्चिम बंगाल की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया, जब मुर्शिदाबाद जिले के तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक हुमायूं कबीर ने एक ऐसा ऐलान कर दिया, जिसने सीधे तौर पर देश के एक बेहद संवेदनशील मुद्दे को छू लिया। विधायक कबीर ने बाबरी मस्जिद से मिलती-जुलती मस्जिद बनाने का दावा करते हुए 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले में उसकी नींव रखने की बात कही थी। (Humayun Kabir) उनके इस बयान के बाद प्रशासन तुरंत अलर्ट मोड पर आ गया था। लेकिन, इससे पहले कि यह विवाद और बढ़ता, तृणमूल कांग्रेस ने कड़ा फैसला लेते हुए विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया है। माना जा रहा है कि विधायक के इस फैसले से मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी बेहद नाराज़ थीं, हालांकि इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
Humayun Kabir: टीएमसी ने दिखाया ‘कड़ा रुख’
हुमायूं कबीर के निलंबन की जानकारी कोलकाता के मेयर और वरिष्ठ टीएमसी नेता फिरहाद हाकिम ने दी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, हाकिम ने मीडिया को बताया, “हमने देखा था कि मुर्शिदाबाद के हमारे विधायकों में से एक ने अचानक यह ऐलान कर दिया कि वह बाबरी मस्जिद बनाएंगे।” उन्होंने कड़े शब्दों में सवाल उठाते हुए कहा, “अचानक बाबरी मस्जिद क्यों?”
फिरहाद हाकिम ने स्पष्ट किया कि इस संवेदनशील ऐलान के बाद पार्टी ने पहले ही विधायक को चेतावनी दे दी थी। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी टीएमसी के फैसले के आधार पर हम विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित कर रहे हैं।” (Humayun Kabir) टीएमसी का यह त्वरित और कड़ा फैसला दिखाता है कि पार्टी किसी भी कीमत पर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले बयानों को बर्दाश्त नहीं करेगी, खासकर तब जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल पहले से ही गरम है।
6 दिसंबर की तारीख और प्रशासन का अलर्ट
विधायक हुमायूं कबीर ने जिस निर्माण के लिए 6 दिसंबर की तारीख का ऐलान किया था, वह तारीख अपने आप में ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील है। (Humayun Kabir) बाबरी मस्जिद के नाम से मिलती-जुलती संरचना बनाने के इस ऐलान के बाद, मुर्शिदाबाद समेत पूरे राज्य में प्रशासन तुरंत अलर्ट मोड पर आ गया था। किसी भी अप्रिय घटना या तनाव की आशंका को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी।
टीएमसी के सूत्रों की मानें तो, पार्टी नेतृत्व, विशेषकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, इस तरह के बयान से बेहद नाराज थीं, क्योंकि यह राज्य के सांप्रदायिक समीकरणों को बिगाड़ने और अनावश्यक विवाद पैदा करने वाला कदम था। (Humayun Kabir) ममता बनर्जी हमेशा से धर्मनिरपेक्षता और सद्भाव की राजनीति पर ज़ोर देती रही हैं, और उन्हें यह मंजूर नहीं था कि पार्टी का कोई नेता इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी करे। टीएमसी का यह निलंबन सिर्फ विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह देश भर में उन नेताओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है जो राजनीतिक लाभ के लिए संवेदनशील धार्मिक मुद्दों का सहारा लेते हैं। अब देखना यह होगा कि निलंबन के बाद विधायक हुमायूं कबीर का अगला कदम क्या होता है।
