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Bangladesh Transshipment News: ट्रांसशिपमेंट बंद, फिर भी भारतीय जमीन के रास्ते इन दो मुल्कों में माल एक्सपोर्ट कर सकेगा बांग्लादेश
Published
7 महीना agoon
By
News Desk
Bangladesh Transshipment News: भारत ने बांग्लादेश के लिए ट्रांसशिपमेंट की सुविधा बंद कर दी है. इस सुविधा से वह भारतीय जमीन का इस्तेमाल करके कई देशों में सामान एक्सपोर्ट करता था. (Bangladesh Transshipment News) विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर ट्रांसशिपमेंट की वजह से काफी भीड़भाड़ रहती थी, जिसके चलते हमारे अपने एक्सपोर्ट में देरी हो रही थी और बैकलॉग हो रहा था.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि काफी समय से एपेरेल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल बांग्लादेश की ट्रांसशिपमेंट सुविधा बंद करने की मांग कर रहा था, जिसे अब स्वीकार कर लिया गया है. (Bangladesh Transshipment News) हालांकि, पिछली व्यवस्था के तहत जो बांग्लादेशी एक्सपोर्ट कार्गो भारत में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें शिपमेंट की अनुमति है. साल 2020 में भारत सरकार ने बांग्लादेश को ट्रांसशिपमेंट की सुविधा दी थी, जिसके तहत उसके एक्सपोर्ट गुड्स को भारतीय जमीन के जरिए नेपाल, भूटान, म्यांमार और दूसरे देशों को भेजा जाता था.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने 8 अप्रैल को नोटिफकेशन जारी करके इस सुविधा को तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया था, जिसके बाद चर्चा थी कि अब बांग्लादेश इन मुल्कों को सामान एक्सपोर्ट नहीं कर पाएगा. (Bangladesh Transshipment News) हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने साफ किया है कि ढाका भारत के जरिए नेपाल और भूटान में एक्सपोर्ट कर सकता है.
भारत सरकार के इस फैसले को मोहम्मद यूनुस के उस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों का हवाला देते हुए चीन से आर्थिक विस्तार की अपील की थी. (Bangladesh Transshipment News) पिछले महीने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस चीन के दौरे पर थे, यहां 28 मार्च को उन्होंने चीन से समंदर के जरिए व्यापार बढ़ाने और बांग्लादेश में आकर उत्पादन करने की अपील की थी, ताकि उनके देश को आर्थिक लाभ मिले. उन्होंने कहा था कि भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य लैंडलोक्ड हैं यानी जमीन से घिरे हैं, इसलिए समंदर तक उनकी पहुंच नहीं है. उन्होंने कहा कि इस पूरे क्षेत्र में बांग्लादेश अकेला समंदर का संरक्षक है इसलिए यह चीनी अर्थव्यवस्था के लिए एक विस्तार हो सकता है.
मोहम्मद यूनुस ने चीन से ये भी कहा कि वह बांग्लादेश में उत्पादन करे और चीजें बाजार तक ले जाए, फैक्ट्रियां स्थापित करे. उन्होंने लालमोनिरहाट में एयरबेस को पुनर्जीवित करने के लिए भी चीन को न्योता दिया था. लालमोनिरहाट जिला बंगाल के सिलीगुड़ी कॉरिडोर या चिकन नेक से ज्यादा दूर नहीं है. चिकन नेक नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और चीन की सीमाओं से लगता है.
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