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Buddhist monk passes away: बौद्ध भिक्षु संघ अध्यक्ष भदंत ज्ञानेश्वर का निधन, CM योगी से लेकर मायावती ने दी श्रद्धांजलि

Published
10 घंटे agoon
By
News Desk
Buddhist monk passes away: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से एक ऐसी खबर आई, जिसने पूरे बौद्ध समाज को शोक में डुबो दिया। बौद्ध भिक्षु संघ के अध्यक्ष और म्यांमार बौद्ध विहार के पीठाधीश्वर भंते एबी ज्ञानेश्वर का शुक्रवार तड़के लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। (Buddhist monk passes away) वे 90 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से न सिर्फ कुशीनगर, बल्कि देश-विदेश के लाखों अनुयायियों में गहरा दुख व्याप्त है। सीएम योगी से लेकर मायावती तक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर गहरा शोक जताया है।
Buddhist monk passes away: कुशीनगर में पहुंचेगा पार्थिव शरीर
भंते ज्ञानेश्वर का पार्थिव शरीर आज दोपहर कुशीनगर पहुंचेगा। श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ उनका शरीर बर्मी बुद्ध विहार में 10 नवंबर तक रखा जाएगा। इसके बाद बौद्ध परंपराओं के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। (Buddhist monk passes away) यह वही भूमि है जहां भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था, और अब उनके एक महान अनुयायी भी इसी पावन धरती पर अंतिम यात्रा को प्राप्त करेंगे।
भंते ज्ञानेश्वर ने अपना पूरा जीवन भगवान बुद्ध के करुणा और शांति के संदेश को फैलाने में समर्पित कर दिया। उन्होंने कुशीनगर को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई। (Buddhist monk passes away) म्यांमार सरकार ने उनके योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें ‘अभिध्वजा महारथा गुरु’, जो कि देश का सर्वोच्च धार्मिक सम्मान है, से अलंकृत किया। यह सम्मान पाने वाले वे पहले भारतीय थे।
संत समाज और अनुयायियों में शोक की लहर
उनके निधन से पूरा बौद्ध समाज स्तब्ध है। मठों, विहारों और बौद्ध शिक्षण संस्थानों में शोकसभा का आयोजन किया जा रहा है। उनके अनुयायी उन्हें न सिर्फ एक धर्मगुरु, बल्कि करुणा और विनम्रता की मूर्ति के रूप में याद कर रहे हैं।
सीएम योगी और मायावती ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, “भंते ज्ञानेश्वर जी का निधन बौद्ध समाज और समग्र मानवता के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपना जीवन भगवान बुद्ध के ज्ञान और करुणा के प्रसार में समर्पित किया।”
वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, “भदंत ज्ञानेश्वर महास्थवीर जी का देहावसान न केवल बौद्ध जगत बल्कि संपूर्ण मानव समाज के लिए एक गहरी क्षति है। उनके धार्मिक और सामाजिक योगदान सदैव प्रेरणा देते रहेंगे।”
भदंत ज्ञानेश्वर अब भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार, उनकी शिक्षाएं और उनका करुणा से भरा जीवन हमेशा बौद्ध अनुयायियों के हृदय में जीवित रहेंगे।
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