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Kedarnath Cloudburst: केदारघाटी में मिला एक और शव, 1401 तीर्थयात्री निकाले गए सुरक्षित; अब तक 16 लोगों की मौत

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Kedarnath Cloudburst: उत्तराखंड और हिमाचल में वर्षा, बादल फटने और बाढ़ के चलते दुश्वारियां बनी हुई हैं। उत्तराखंड की केदारघाटी में सोमवार को एक और शव बरामद हुआ है। घाटी में अब तक पत्थरों और मलबे में दबे चार शव मिल चुके हैं। इसके साथ ही सोमवार को 1,401 तीर्थयात्रियों को निकाला गया है। दूसरी और हिमाचल प्रदेश के शिमला स्थित सुन्नी बांध में दो शव और मिले हैं। इनमें एक महिला और दूसरा पुरुष का है।

अब भी लापता लोगों की तलाश जारी है। (Kedarnath Cloudburst) केदारघाटी में 31 जुलाई को पैदल मार्ग पर बादल फटने के बाद भूस्खलन होने से फंसे तीर्थ यात्रियों को निकालने के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान छह दिन से जुटे हैं। धाम तक पहुंचने के लिए क्षतिग्रस्त पैदल मार्ग और पुल बनाने का काम शुरू हो गया है। (Kedarnath Cloudburst) घाटी में मोबाइल सेवा भी शुरू हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि अब भी कुछ लोग जंगल में फंसे हैं या मलबे और पत्थरों के नीच दबे हुए हैं। इस संभावना को देखते हुए खोजबीन में ड्रोन के साथ स्निफर डाग स्क्वाड का सहयोग भी लिया जा रहा है।

केदारघाटी में सोमवार को जो शव बरामद हुआ है। उसकी पहचान गौतम निवासी 223 ए, वार्ड नंबर 18 जगाधरी, यमुनानगर (हरियाणा) के रूप में हुई। वहीं, यहां फंसे तीर्थ यात्रियों को निकालने का अभियान अभी पूरा नहीं हो पाया है। इसके लिए लगातार प्रयास जारी हैं। (Kedarnath Cloudburst) खास बात यह रही कि केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए चिनूक हेलीकाप्टर का मौसम साफ होने से पहली बार इस अभियान में उपयोग हो पाया। इसके अलावा वायुसेना के एमआइ-17 और छोटे हेलीकाप्टर ने भी भरपूर सहयोग किया। चिनूक ने चमोली की गौचर हवाई पट्टी से दो उड़ान भरीं, जिनमें 65 लोग लाए गए, जबकि एमआइ-17 ने चारधाम हेलीपैड गुप्तकाशी से तीन उड़ान भरते हुए 61 लोग रेस्क्यू किए। अब तक 11,652 तीर्थ यात्रियों को सकुशल निकाला जा चुका है। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने बताया कि अब धाम में 70 से 100 तीर्थयात्री और करीब 300 स्थानीय लोग हैं।

Kedarnath Cloudburst: हिमाचल में पांचवें दिन मिले दो और शव

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू, शिमला और मंडी जिले में सात स्थानों पर बादल फटने के बाद बाढ़ आने से अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 39 लापता हैं। सोमवार को दो और शव बरामद हुए हैं। फिलहाल इनकी पहचान नहीं हो पाई है। लापता लोगों की तलाश के लिए अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, सेना, आइटीबीपी व सीआइएसएफ की टीमें जुटी हुई हैं। (Kedarnath Cloudburst) लाइव डिटेक्टर डिवाइस और खोजी कुत्तों की मदद भी ली जा रही है।

शिमला के समेज में त्रासदी में लापता लोगों के स्वजन के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। डीएनए मिलान के बाद ही शवों की पहचान हो पाएगी। पुलिस ने दो दिन में 37 लोगों के डीएनए सैंपल लिए हैं। समेज में लापता हुए 33 लोगों में से अब तक पांच के शव बरामद हो चुके हैं।

शिंकुला मार्ग पर फिर बादल फटा, बाढ़ आई

लाहुल घाटी के धांदल नाले में आई बाढ़ से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पुल को नुकसान पहुंचा है। मायड़ घाटी में करपट से आगे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दारचा-शिंकुला मार्ग पर फिर से बादल फटने से बाढ़ आ गई है। (Kedarnath Cloudburst)चार दिन से जंस्कार का मनाली से संपर्क कटा हुआ है। जिंगजिंगबार में बाढ़ आने से मनाली-लेह मार्ग चार घंटे बंद रहा। शिचलिंग नाले में बाढ़ आने से समदो-काजा मार्ग बंद हो गया है। लादारचा मैदान में सड़क क्षतिग्रस्त होने से लगभग 300 वाहन फंस गए थे। प्रशासन ने सभी वाहन चालकों व लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है।

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