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Kolkata Case: मरीजों के लिए अगले 24 घंटे अहम, OPD सेवाएं ठप; IMA ने सरकार के सामने रखीं पांच प्रमुख मागें

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1 वर्ष agoon
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News DeskKolkata Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या मामले को लेकर पूरे देश में भारी गुस्सा है, जिसने एक बड़े विरोध-प्रदर्शन का रूप ले लिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हत्या के विरोध में शनिवार यानी 17 अगस्त को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए ओपीडी सेवाओं को बंद रखने का एलान किया है।
शनिवार सुबह छह बजे से रविवार सुबह छह बजे तक डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। (Kolkata Case) इस दौरान अस्पतालों में ओपीडी और नियमित सर्जरी बंद रखने की अपील की गई है। छोटे प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम के अलावा कॉरपोरेट अस्पतालों में भी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे।

Kolkata Case: आईएमए की अस्पतालों में बड़े बदलाव की मांग
वहीं, हड़ताल के बीच शुक्रवार को आईएमए ने सरकार के सामने पांच मांगें रखी। (Kolkata Case) इन मांगों में रेजिडेंट डॉक्टरों के काम करने और रहने की स्थिति में बदलाव और कार्यस्थलों पर डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की जांच के लिए एक केंद्रीय कानून बनाना शामिल है।
आईए जानते हैं कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की वो पांच प्रमुख मांगे कौन सी हैं?
आईएमए ने रेजिडेंट डॉक्टरों के कामकाज और रहने की स्थिति में बड़े पैमाने पर बदलाव की मांग की है। इसमें 36 घंटे की ड्यूटी शिफ्ट और आराम करने के लिए सुरक्षित स्थानों की कमी शामिल है।
आईएमए ने एक केंद्रीय अधिनियम के लिए जोर दिया है जो 2023 में महामारी रोग अधिनियम 1897 में किए गए संशोधनों को 2019 के प्रस्तावित अस्पताल संरक्षण विधेयक में शामिल करेगा। एसोसिएशन का मानना है कि इस कदम से 25 राज्यों में मौजूदा कानून मजबूत होंगे। (Kolkata Case) आईएमए ने यह भी सुझाव दिया है कि कोरोना के दौरान लागू किए गए अध्यादेश जैसा ही अध्यादेश इस स्थिति में उपयुक्त होगा।

डॉक्टरों के संगठन ने एक निश्चित समय-सीमा में अपराध की सावधानीपूर्वक और पेशेवर जांच करने के साथ ही न्याय देने की मांग की है। इसके अलावा आईएमए ने 14 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल कैंपस में तोड़फोड़ करने वालों की पहचान करने और उन्हें कठोर सजा देने की भी मांग की है।
आईएमए की मांग है कि सभी अस्पतालों के सुरक्षा प्रोटोकॉल किसी एयरपोर्ट से कम नहीं होने चाहिए। अस्पतालों को अनिवार्य सुरक्षा अधिकार के साथ सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना पहला कदम है। सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और प्रोटोकॉल का पालन किया जाए।
आईएमए ने पीड़ित परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा देने की मांग की है।
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