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BSF to conduct operation in Congo: कांगों में मिलिट्री ऑपरेशन करेगी BSF, दुश्मनों में मची खलबली, विद्रोही गुटों के बुरे दिन शुरू

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BSF to conduct operation in Congo: अफ्रीकी देश कांगो इस समय गंभीर सशस्त्र संघर्ष से सामाना कर रहा है। अब वहां शांति बहाली के लिये भारत की सीमा सुरक्षा बल ने एक बड़ी जिम्मेदारी उठाई है। यूएन शांति मिशन के तहत 160 जवानों का दस्ता कांगो जायेगा जिसमें 25 महिला जवान भी शामिल हैं। (BSF to conduct operation in Congo) इनका काम कांगो में शांति की स्थापना करना है। 160 जवानों का दस्ता कल सोमवार को कांगो के लिये रवाना हो गया है। विद्रोह की वजह से कांगो की हालत बेहद नाजुक है जिसकी वजह से लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।

BSF to conduct operation in Congo: BSF डीजी ने की जवानों से मुलाकात

सीमा सुरक्षा बल के डीजी दलजीत चौधरी ने कांगो जा रहे जवानों से मुलाकात की और कहा कि वे जिस मिशन के लिये विदेशी धरती पर जा रहे हैं, वहां अपनी मेहनत और सेवा से देश का और BSF के झंडे का नाम उंचा रखें। (BSF to conduct operation in Congo) हमारा व्यवहार वहां ऐसा होना चाहिये दुनिया हमारे भारत को इज्जत की निगाह से देखे। हमारे जवान इसके लिये ट्रेंड हैं। हमें भरोसा है कि हमारे जवान देशा का सम्मान सबसे उपर ही रखेंगे।

ऑपरेशन सिंदूर देश का बढ़ाया मान

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कायराना हरकत का करारा जवाब ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दिया गया है। इस अभियान में सभी सुरक्षा बलों के साथ BSF ने भी समान रूप से महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे हमारे दल की पहचान और प्रतिष्ठा में वृद्धि हुई है। BSF ने इस कार्रवाई के माध्यम से देश का मान बढ़ाया है। (BSF to conduct operation in Congo) उन्होंने यह भी कहा कि हमारे जवान विदेशी सरजमीं पर शांति स्थापित करने के लिए हर संभव बलिदान देने को तैयार हैं।

संयुक्त राष्ट्र के नियंत्रण में है कांगो गणराज्य

लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो, अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा देश, युगांडा, रवांडा और बुरुंडी से घिरा हुआ है। यहां चल रहे लंबे समय से आंतरिक संघर्ष के कारण यह देश संयुक्त राष्ट्र के नियंत्रण में है। कांगो में आर्म्ड फोर्सेस और विद्रोही समूहों के बीच लगातार लड़ाईयां हो रही हैं, जिससे मानवाधिकारों का भारी उल्लंघन हो रहा है। यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे मानवीय सुरक्षा और आवश्यकताएं गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं। इन संघर्षों के कारण लगभग 7.3 मिलियन लोग अपने-अपने क्षेत्रों से विस्थापित हो चुके हैं, जबकि 86,000 से अधिक लोग पड़ोसी देशों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं। यह स्थिति दुनिया के सबसे गंभीर मानवीय संकटों में से एक मानी जाती है।

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