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Kolkata Doctor Case: ‘सुबूत मिटाने के बाद डॉक्टरों को धमका रहीं मुख्यमंत्री’, भाजपा का आरोप- खिसियाहट में चुनाव कराना चाहती हैं ममता

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Kolkata Doctor Case: पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षु डाक्टर से दुष्कर्म व हत्या के मामले में राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर लगातार हमलावर भाजपा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जांच को भटकाने, आरोपियों को बचाने और सुबूतों को मिटाने के बाद अब डॉक्टरों को धमकाने का प्रयास कर रही हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ममता बनर्जी खिसियाहट में चुनाव कराने की बात कह रही हैं, जबकि यह पीड़िता के साथ न्याय का विषय है, चुनाव का नहीं। (Kolkata Doctor Case) भाजपा ने बुधवार को बंगाल बंद के दौरान सीएम ममता बनर्जी द्वारा प्रेसवार्ता कर की गई टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई।

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘ममता बनर्जी ने कहा कि मैं नहीं चाहती कि एफआईआर हो, कैरियर बर्बाद हो और पासपोर्ट-वीजा मिलने में परेशानी हो। बंगाल की जनता इस भाव और अभिव्यक्ति को समझ रही है। (Kolkata Doctor Case) ‘ उन्होंने आरोप लगाया कि शब्दों के हेरफेर के साथ ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को धमकाने का प्रयास किया है।

सुधांशु ने कहा कि उनका (ममता बनर्जी का) यह कहना कि चुनाव करवा लो, उनकी खिसियाहट की अभिव्यक्ति है। हम कहना चाहते हैं कि यह पीड़िता के साथ न्याय का विषय है, चुनाव का नहीं। (Kolkata Doctor Case) जिसकी सत्ता होगी, न्याय उसके पक्ष में ही होगा, यह सोच संविधान के लिए सबसे खतरनाक सोच है।

Kolkata Doctor Case: ‘पश्चिम बंगाल में दिखी संविधान पर खतरे की बानगी’

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संविधान खतरे में कैसे हो सकता है, इसकी बानगी पश्चिम बंगाल में दिखती है। कांग्रेस के ही नेता अधीर रंजन चौधरी नेता प्रतिपक्ष रहते हुए कह चुके हैं कि बंगाल में कोई लोकतंत्र नहीं है। आज वह शब्दश: चरित्रार्थ होता दिख रहा है। (Kolkata Doctor Case) यह वही ममता बनर्जी हैं, जो दुष्कर्म के विरुद्ध बहुत बड़ा आंदोलन कर चुकी हैं। आज ममता बनर्जी की संवेदनाएं इतनी मृत हो गईं कि दोषियों को बचाने में लगी हैं।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय कह चुका है कि आपने सुबूतों को मिटा दिया है, छेड़छाड़ कर दी है। बंगाल सरकार बताए कि दुष्कर्म के कितने मामलों में फांसी दिलवा दी है। जो कुछ वहां हो रहा है, वह एक पीड़िता के साथ होने वाला मजाक और आघात ही नहीं, बल्कि संविधान की मूल भावना के साथ भी आघात है। आईएनडीआईए के सभी दल इसमें शामिल हैं।

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