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Muslim Reservation in Karnataka: कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर बवाल, जानिए देश के किस राज्य में मुसलमानों को मिलता है सबसे ज्यादा कोटा 

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Muslim Reservation in Karnataka: कर्नाटक में सरकारी ठेकों में 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण को लेकर बवाल मचा हुआ है. यह मामला अब संसद तक भी पहुंच चुका है. राज्यसभा में मुस्लिम आरक्षण को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई. (Muslim Reservation in Karnataka) भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक सरकार के इस कदम को संविधान विरोधी बताया है तो वहीं विपक्ष इसके समर्थन में उतर आया है. ऐसे में देश में मुस्लिम आरक्षण की स्थिति क्या है? किस राज्य में मुसलमानों को सबसे ज्यादा आरक्षण दिया गया है? इस मामले में संविधान क्या कहता है? आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं…

Muslim Reservation in Karnataka: संविधान में आरक्षण को लेकर क्या व्यवस्था है?

यह पहली बार नहीं है जब मुस्लिम आरक्षण को लेकर देश की सियासत में भूचाल आया हुआ है. इससे पहले भी कई बार इस मुद्दे पर हंगामा मच चुका है. हालांकि भारतीय संविधान समानता की बात करता है. संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान ही नहीं है. (Muslim Reservation in Karnataka) संविधान के मुताबिक, अगर कोई वर्ग पिछड़ा है तो उसे मुख्यधारा में लाने के लिए आरक्षण दिया जा सकता है. अभी मुसलमानों को जो आरक्षण दिया जा रहा है, वह ओबीसी के लिए तय आरक्षण के अंदर ही कोटा सिस्टम के जरिए मिलता है. मुसलमानों की जो जातियां एससी, एसटी या ओबीसी में शामिल हैं, उन्हें कोटे के अंदर कोटा सिस्टम के जरिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था है.

किस राज्य में मुसलमानों को कितना आरक्षण

देश में मुसलमानों को सबसे ज्यादा आरक्षण की व्यवस्था केरल में है. यहां ओबीसी को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. इस कोटे के अंदर ही मुस्लिम कोटा भी निर्धारित है. यहां मुसलमानों को नौकरियों में 8% और हायर एजुकेशन में 10% आरक्षण मिलता है. इसी तरह तमिलनाडु में पिछड़े वर्गे के मुसलमानों को 3.5% आरक्षण मिलता है. (Muslim Reservation in Karnataka) हालांकि, यहां मुसलमानों की 95 फीसदी जातियां इस कोटे में शामिल हैं. बिहार में मुस्लिम समुदाय के लोगों को पिछड़ा ओर अति पिछड़ा के रूप में वर्गीकृत करके आरक्षण दिया जाता है. इसी तरह तेलंगाना में ओबीसी कैटेगरी में मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन राज्यों के अलावा महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, असम में भी मुसलमानों को ओबीसी के तहत आरक्षण दिया जाता है.

कर्नाटक में कितना मिलता है आरक्षण

कर्नाटक में 32 फीसदी ओबीसी कोटा है. इसकी कैटेगरी 2A में मुस्लिमों की सभी जातियों को शामिल किया गया है, जिन्हें 4% आरक्षण दिया जाता है. अब सरकारी ठेकों में भी मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण के लिए विधेयक पारित किया गया है.

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