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Satellite Spectrum License: एलन मस्क के लिए खुशखबरी! भारत ने बदल दिया सैटेलाइट स्पेक्ट्रम लाइसेंस देने का तरीका

Published
3 सप्ताह agoon
By
News Desk
Satellite Spectrum License: भारत में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम लाइसेंस के आवंटन की प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए गए हैं. अब इसे नीलामी के माध्यम से नहीं, बल्कि प्रशासनिक तरीके से आवंटित किया जाएगा. (Satellite Spectrum License) इस बदलाव का सीधा प्रभाव एलन मस्क की Starlink सहित अन्य सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदाताओं पर पड़ सकता है.
Satellite Spectrum License: नए नियमों क्यों बनाए गए
दूरसंचार विभाग (DoT) और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की प्रक्रिया को सरल बनाने का फैसला किया है. इस नए नियम के तहत, सैटेलाइट सेवा प्रदाताओं को लाइसेंस लेने में अधिक सुविधा मिलेगी, जिससे वे जल्दी से अपने नेटवर्क का विस्तार कर सकेंगे.

यह निर्णय भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को बढ़ावा देने और डिजिटल समावेशन को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश के दूरदराज के क्षेत्रों में भी हाई स्पीड इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें.
एलन मस्क के Starlink पर क्या प्रभाव पड़ेगा
एलन मस्क की Starlink पहले से ही भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है. नए नियमों से उन्हें अपने नेटवर्क को तेजी से स्थापित करने में मदद मिलेगी. Starlink ने पहले ही भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए आवेदन किया था और अब वे उम्मीद कर रहे हैं कि नए नियमों के तहत उन्हें जल्दी लाइसेंस मिल सकेगा. हालांकि, इस प्रक्रिया में कुछ चुनौतियां भी हो सकती हैं. (Satellite Spectrum License) JIO और एयरटेल जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियां नीलामी प्रक्रिया के पक्ष में हैं और उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि स्पेक्ट्रम आवंटन पारदर्शी तरीके से किया जाए.

छोटे खिलाड़ियों को मिलेगा मौका
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रशासनिक आवंटन प्रक्रिया से छोटे खिलाड़ियों को भी बाजार में प्रवेश करने का मौका मिलेगा, जबकि अन्य इसे बड़े खिलाड़ियों के लिए एक लाभकारी स्थिति मानते हैं. हाल ही में कुमार मंगलम बिड़ला ने 8वें इंडिया मोबाइल कांग्रेस में कहा था, “सैटेलाइट ब्रॉडबैंड प्रदाताओं को भी लाइसेंस फीस चुकानी चाहिए, ताकि कंपटीशन समान स्तर पर हो सके.”