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Vijay Mallya: ‘मुझसे दोगुना रकम ली गई, मैं राहत का हकदार’, वसूली की कार्रवाई पर तिलमिलाया भगोड़ा विजय माल्या
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47 मिन agoon
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News DeskVijay Mallya: संसद में आर्थिक अपराधियों से वसूल की गई रकम के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से दी गई जानकारी पर भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने जवाब दिया है। विजय माल्या ने कहा कि उनसे किंगफिशर एयरलाइंस मामले में न्यायाधिकरण की ओर से तय की गई राशि से दोगुना रकम वसूल की गई। (Vijay Mallya) मुझे राहत मिलनी चाहिए। लोकसभा में पूरक अनुदान मांगों की पहली किस्त पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि भगोड़े विजय माल्या की 14,131.6 करोड़ रुपये की संपत्ति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वापस कर दी गई है।
Vijay Mallya
इसके जवाब में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने एक्स पर लिखा कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) का ऋण 6203 करोड़ रुपये निर्धारित किया था। इसमें 1200 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है। वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि ईडी के माध्यम से बैंकों ने 6203 करोड़ रुपये की जगह मुझसे 14,131.60 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। (Vijay Mallya) इसके बाद भी मैं आर्थिक अपराधी हूं। जब तक ईडी और बैंक कानूनी रूप से यह साबित नहीं कर देते कि उन्होंने दोगुने से अधिक ऋण कैसे वसूल किया है, मैं राहत पाने का हकदार हूं, इसके लिए मैं प्रयास करुंगा।
माल्या ने लिखा कि किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) ऋण को लेकर मैंने जो भी कुछ दिया है, वह कानूनी रूप से सत्यापित है। फिर भी मुझसे न्यायाधिकरण के फैसले में तय की गई वसूली की रकम के अलावा 8000 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की गई है। (Vijay Mallya) क्या कोई है जिसमें मुझे खुलेआम गाली देने वाले लोग भी शामिल हैं, खड़े होकर इस घोर अन्याय पर सवाल उठाएगा? एक बहुत बदनाम व्यक्ति का समर्थन करते हुए दिखना हिम्मत की बात है। दुख की बात है कि न्याय के लिए हिम्मत नहीं है, खासकर मेरे लिए।
उन्होंने कहा कि सरकार और मेरे कई आलोचक कहते हैं कि मेरे पास जवाब देने के लिए सीबीआई के आपराधिक मामले हैं। (Vijay Mallya) सीबीआई ने कौन से आपराधिक मामले दर्ज किए हैं? कभी एक भी रुपया उधार नहीं लिया, कभी चोरी नहीं की, लेकिन किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) ऋण के गारंटर के रूप में मुझ पर सीबीआई ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों से धोखाधड़ी करके 900 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त करने का आरोप लगाया है। जबकि इसे उनकी क्रेडिट समिति और बोर्ड ने विधिवत मंजूरी दी थी। पूरा ऋण और ब्याज चुकाया गया। नौ साल बाद भी धोखाधड़ी और धन के दुरुपयोग का कोई निर्णायक सबूत क्यों नहीं मिला?