News
Lok Sabha Election Result : INDIAऔर NDA की बढ़ी धड़कन ! केंद्र की सत्ता के किंगमेकर बने नीतीश और नायडू
Published
1 वर्ष agoon
By
News Desk
Lok Sabha Election Result: भाजपा के बहुमत के आंकड़े से पीछे रहने की संभावना के साथ, नई नरेंद्र मोदी सरकार का गठन अब दो दिग्गज किंगमेकरों – तेलुगु देशम पार्टी के चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार के समर्थन पर निर्भर करेगा। टीडीपी और जेडीयू, दोनों ही एनडीए के सहयोगी दल हैं।
नीतीश-तेजस्वी मिलकर करेंगे कोई खेल? एक ही फ्लाइट में साथ-साथ जा रहे दिल्ली, एनडीए-INDIA की बढ़ी धड़कन #TejashwiYadav #NitishKumar #JDU #india24x7livetv pic.twitter.com/fnYhCZPplT
— India 24×7 live Tv (@india24x7livetv) June 5, 2024
वर्तमान परिदृश्य में नायडू और नीतीश ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जो नई दिल्ली में नरेंद्र मोदी को तीसरे टर्म की ओर बढ़ा सकते हैं। सो, क्या है इन दोनों नेताओं का इतिहास और पिछले कुछ वर्षों में उनका राजनीतिक सफर, आइए जानते हैं।

Lok Sabha Election Result : चंद्रबाबू नायडू
आंध्र प्रदेश में भाजपा और जन सेना पार्टी के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव लड़ने वाले चंद्रबाबू नायडू अतीत में भी कई मौकों पर किंगमेकर की भूमिका में रहे हैं।1996 में जब मतदाताओं ने लोकसभा चुनावों में खंडित जनादेश दिया, तो नायडू ने कांग्रेस या भाजपा से गठबंधन न करने वाली पार्टियों वाले यूनाइटेड फ्रंट और कांग्रेस के बाहरी समर्थन से एच.डी. देवेगौड़ा सरकार को खड़ा किया था।यही नहीं,नायडू ने इस दौरान आई के गुजराल के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनाने में भी मदद की थी।

1999 में नायडू ने भाजपा के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था और संयुक्त आंध्र प्रदेश में 29 सीटें हासिल कीं। उन्होंने तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का समर्थन किया, जो बहुमत के आंकड़े से पीछे थी। उस समय 29 सीटों के साथ टीडीपी भाजपा की सबसे बड़ी सहयोगी थी, हालांकि वह सरकार में शामिल नहीं हुई।
2014 में भी नायडू ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और मोदी सरकार में शामिल हुए, लेकिन 2018 में आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन छोड़ दिया। इस बार नायडू क्या करेंगे, ये बड़ा सवाल है। भाजपा के सबसे बड़े एनडीए सहयोगी के रूप में एक बार फिर नायडू फिर से किंगमेकर बन सकते हैं और अपनी पार्टी को मजबूत करने की शुरुआत कर सकते हैं जिसे पिछले कुछ वर्षों में गंभीर झटके लगे हैं।
हालांकि, यह भी याद रखना चाहिए कि एक त्रिशंकु संसद में किसी की कोई निश्चित निष्ठा नहीं होती है। कहने को तो टीडीपी का गठन ही कांग्रेस विरोध के मुद्दे पर हुआ है, लेकिन ये पार्टी पहले भी कांग्रेस के साथ काम कर चुकी है। उसने न सिर्फ कांग्रेस के साथ गठबंधन में तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ा, बल्कि 2019 के चुनावों से पहले कांग्रेस को आगे रखकर विपक्षी गठबंधन बनाने की भी कोशिश की।
Lok Sabha Election Result : नीतीश कुमार

बिहार में सामाजिक न्याय की राजनीति के दिग्गज नीतीश कुमार कुछ समय के लिए केंद्रीय रेल मंत्री और भूतल परिवहन मंत्री रहे और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में 1998-99 में कृषि मंत्री बने। 2000-2004 की वाजपेयी सरकार में भी उन्हें यह मंत्रालय मिला।
लंबे समय तक नीतीश बिहार में एनडीए में वरिष्ठ सहयोगी रहे और जब 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा तब भी वह उसके सबसे बड़े सहयोगी रहे। उस साल वह तब राज्य में 20 सीटें जीतकर वह भाजपा के सबसे बड़े सहयोगी रहे थे।

हाल के दिनों में नीतीश की राजनीति में तगड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। 2014 में उन्होंने नरेंद्र मोदी के उदय का विरोध करते हुए एनडीए से नाता तोड़ लिया और अकेले बिहार लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन केवल दो सीटें ही जीत पाए। इसके बाद उन्होंने 2015 के विधानसभा चुनावों के लिए लालू यादव से हाथ मिलाया और गठबंधन ने चुनावों में जीत हासिल की। लेकिन दो साल के भीतर ही वह अलग हो गए और फिर से एनडीए में शामिल हो गए। इस बार गठबंधन ने बिहार लोकसभा चुनावों में 40 में से 39 सीटें हासिल कीं।
फिर 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में जेडीयू के खराब प्रदर्शन और गठबंधन के चुनाव जीतने के बावजूद, नीतीश कुमार भाजपा से असहज हो गए और 2022 में गठबंधन तोड़कर राजद के साथ सरकार बना ली। हालांकि, 2024 के चुनावों से ठीक पहले, कुमार फिर से एनडीए में शामिल हो गए।
अब इस लोकसभा चुनाव।में बिहार में अपने गठबंधन सहयोगी की तुलना में जेडीयू के बेहतर प्रदर्शन ने एक बार फिर नीतीश कुमार को केंद्र में ला दिया है और उनकी पार्टी को नया जीवन दिला दिया है। नीतीश दल-बदल के लिए प्रसिद्ध हो चुके हैं और उन्हें बिहार में “पलटू राम” भी कहा जाता है। सो विश्लेषक ये भी कह सकते हैं कि वे कहीं भी जा सकते हैं।
नायडू और नीतीश के लिए ये एक बड़ा अवसर है। वो दोनों अपनी शर्तें रख सकने की स्थिति में हैं। अब उनकी शर्त क्या होगी और प्रतिबद्धता क्या रहेगी, ये बड़ा सवाल है।
You may like

Jyoti Singh Bihar Electiojn Result 2025: जेल चले जाएंगे…, हार की बौखलाहट में ये क्या बोल गयीं पवन सिंह की पत्नी ज्योति? लगाए आरोप

Bihar Election Result 2025: करारी हार के बाग कांग्रेस में मचा गदर, आपस में ही लड़ भिड़ बैठे

Bihar Election Result 2025: बिहार चुनाव 2025 में भोजपुरी सुपरस्टर्स का ‘स्टारडम’ फेल या हिट… यहां जानें कौन मार रहा बाजी, जल्द होगा किस्मत का फैसला!

Bihar Election 2025: अब बंगाल की बारी है…. बिहार में NDA की बंपर बढ़त पर दहाड़े गिरिराज सिंह

Amit Shah Meeting on 10/11 Delhi Blast: पाकिस्तान क्रिकेट फिर तबाह! इस्लामाबाद ब्लास्ट से दहशत, श्रीलंका के 8 खिलाड़ियों ने छोड़ा दौरा!

Sri Lanka Players Return: पाकिस्तान क्रिकेट फिर तबाह! इस्लामाबाद ब्लास्ट से दहशत, श्रीलंका के 8 खिलाड़ियों ने छोड़ा दौरा!







Pingback: PM Modi : PM मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से की मुलाकात, सौंपा इस्तीफा - भारतीय समाचार: ताज़ा ख़बरें