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National: ‘पाकिस्तान, बांग्लादेश से भी भारत भागते हैं अल्पसंख्यक,’ किरेन रिजिजू ने कहा- फर्जी कहानी बना रहा विपक्ष

Published
7 महीना agoon
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News Desk
National: संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में संविधान बहस के दूसरे दिन सत्ता पक्ष की ओर से शुरुआत की, उन्होंने भारत के संविधान के महत्व के बारे में बताया कि सरकार कैसे काम करती है। उन्होंने लोकसभा में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भी बात की।
अपने संविधान दिवस पर बहस के संबोधन में किरेन रिजिजू ने इस बात पर प्रकाश डाला है, उन्होंने कहा, ‘भारत न केवल अल्पसंख्यकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि इसमें सकारात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है।’ किरेन रिजिजू के अनुसार, बांग्लादेश और पाकिस्तान में जिन अल्पसंख्यकों को भेदभाव का सामना करना पड़ा है, वे सुरक्षा के लिए भारत आते हैं क्योंकि भारत सभी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए एक सुरक्षित आश्रय है। (National) उन्होंने सदन में कहा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश की स्थिति क्या है, सबको पता है।

National: ‘एक फेक नैरेटिव बनाया जा रहा’
संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री ने अल्पसंख्यकों के संबंध में सरकार के खिलाफ फर्जी कहानी बनाने के लिए विपक्ष की आलोचना की है। (National) कैबिनेट मंत्री ने कहा, एक फेक नैरेटिव बनाया जा रहा है। सेंटर फॉर पॉलिसी एनालिसिस इन यूरोपियन यूनियन के सर्वे के मुताबिक, यूरोपियन यूनियन में 48 फीसदी लोग भेदभाव के शिकार हैं। इनमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं, इस्लाम को मानने वाले हैं। फ्रांस में बहुत से लोग हैं। भेदभाव संबंधी रिपोर्टें प्रस्तुत की गईं।

बांग्लादेश में क्या होता है, आप लोग जानते हैं- किरेन रिजिजू
रिपोर्ट के मुताबिक, उसमें बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सिर पर स्कार्फ, बुर्का पहनने वालों पर आपत्ति जताई है और कहा है कि यह भेदभाव उनके साथ किया जा रहा है। किरेन रिजिजू ने कहा, स्पेन में मुसलमानों के खिलाफ आंतरिक घृणा अपराध की रिपोर्ट इतनी ज्यादा है, रिपोर्ट में इसका भी जिक्र किया गया है। आप लोग जानते हैं कि पाकिस्तान का क्या हाल है, बांग्लादेश में क्या होता है, आप लोग जानते हैं कि सिखों, हिंदुओं, ईसाइयों के साथ क्या हुआ है अफगानिस्तान में, चाहे तिब्बत की समस्या हो या म्यांमार की, श्रीलंका की समस्या हो या बांग्लादेश की, पाकिस्तान की हो या अफगानिस्तान की, यदि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है या कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो सबसे पहला देश जहां वे सुरक्षा मांगने आते हैं, वह भारत है।
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