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UAE: की हवाई तकनीक बदल देगी यात्रियों की जिंदगी! अबू धाबी एयरपोर्ट पर बिना पासपोर्ट-आईडी कार्ड के कर सकेंगे यात्रा

Published
10 महीना agoon
By
News Desk
UAE: एयरपोर्ट पर फ्लाइट पकड़ने से पहले यात्रियों को एक नहीं बल्कि कई बार चेकिंग से होकर गुजरना पड़ता है। उसे कई काउंटर्स से होकर गुजरना होता है, ऐसे में फ्लाइट में चढ़ने की प्रक्रिया यात्री के लिए वाकई परेशानी भरी हो सकती है।
यात्रियों को उड़ान के प्रस्थान से कम से कम दो घंटे पहले एयरपोर्ट पर पहुंचना होता है। यह इसलिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यात्री के पास चेक-इन, अपने सामान की जांच करने, सुरक्षा जांच और इमिग्रेशन से गुजरने और बोर्डिंग गेट तक पहुचने के लिए पर्याप्त समय हो।
लेकिन आने वाले समय में यात्रियों को इन सभी झंझटों से निजात मिल सकती है। दरअसल, भविष्य में जल्द ही पासपोर्ट, आईडी कार्ड, टिकट, चेक-इन, इमिग्रेशन और बोर्डिंग यात्रियों के लिए आसानी हो सकती है। (UAE) से कर सकें? (UAE) संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी के जायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यह जल्द ही हकीकत बन सकता है।

UAE: स्मार्ट ट्रैवल प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है यूएई
सीएनएन की खबर के मुताबिक, जायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट अपने नए स्मार्ट ट्रैवल प्रोजेक्ट के साथ हवाई यात्रा में क्रांति लाने की जोरों से तैयार कर रहा है। (UAE) साल 2025 तक, पूरा एयरपोर्ट आगमन (Arrival) से प्रस्थान (Departure) तक हर पहचान चेकपॉइंट पर अत्याधुनिक बायोमेट्रिक सेंसर से लैस होगा।
यह गेम-चेंजिंग तकनीक लोगों की यात्रा के अनुभव को बदल देगी। यह तकनीक आने से लोगों की यात्रा तेज, अधिक सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक बन जाएगी।
बायोमेट्रिक सेंसर से होगी यात्रियों की पहचान
जायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुख्य सूचना अधिकारी एंड्रयू मर्फी ने कहा कि बायोमेट्रिक सेंसर को बिना किसी पूर्व-पंजीकरण की जरूरत के डिजाइन किया गया है, इससे यात्रियों को एयरपोर्ट से गुजरते समय ऑटोमेटिक पहचाना और प्रमाणित किया जाता है, जिससे पूरी प्रक्रिया में काफी तेजी आती है।
एतिहाद एयरलाइंस में हो रहा तकनीक का इस्तेमाल
एंड्रयू मर्फी ने बताया कि बायोमेट्रिक सेंसर तकनीक पहले से ही एयरपोर्ट के कुछ हिस्सों में इस्तेमाल की जा रही है, खासतौर से इसका इस्तेमाल एतिहाद एयरलाइंस की फ्लाइट्स में किया जा रहा है।
पर्यटकों को भी मिलेगी सुविधा
मर्फी के मुताबिक, जब कोई यात्री पहली बार यूएई आता है, चाहे वह निवासी हो या पर्यटक तो उसका बायोमेट्रिक डेटा इमिग्रेशन में पहचान, नागरिकता, सीमा शुल्क और ICP के लिए फेडरल अथॉरिटी द्वारा कैप्चर किया जाता है। इसके बाद हवाई अड्डे की प्रणाली यात्रियों की पहचान सत्यापित करने के लिए इस मौजूदा डेटाबेस का इस्तेमाल करती है।
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