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Budget 2025: बजट से पहले बाजार में तेजी, जानिए वित्त मंत्री की घोषणाओं से पहले किन शेयरों में दिखी चाल

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Budget 2025: केंद्रीय बजट प्रस्तुति से पहले शनिवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी रही। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 136.44 अंक चढ़कर 77,637.01 अंक पर पहुंच गया। वहीं एनएसई निफ्टी 20.2 अंक चढ़कर 23,528.60 अंक पर पहुंच गया। 30 शेयरों वाले ब्लू-चिप पैक में आईटीसी होटल्स, इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट और एनटीपीसी सर्वाधिक लाभ में रहे। टाइटन, कोटक महिन्द्रा बैंक, नेस्ले, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक और आईसीआईसीआई बैंक पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे।

Budget 2025: जानिए बजट के एलान लंबी अवधि में कैसे तय करेंगे बाजार की दिशा?

बाजट में हुए एलानों का असर बाजार पर पड़ता रहेगा। (Budget 2025) बजट से एक बड़ी उम्मीद यह है कि मध्यम वर्ग को राहत देने और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत आयकर में कटौती की जाएगी, जिससे विकास की गति सुधरेगी। कर राहत पर वित्त मंत्री क्या फैसला लेंगी, यह थोड़ी देर में पता चल जाएगा। हालांकि, जानकार आशंका जता रहे हैं कि किसी बड़ी राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा, “बाजार विकास को बढ़ावा देने वाले उपायों की तलाश करेगा, न कि पूंजीगत लाभ कर में बदलाव जैसे राहतों की।” उन्होंने कहा कि बजट पर बाजार की प्रतिक्रिया कुछ दिनों से अधिक नहीं रहेगी। विकास और आय में सुधार के रुझान मध्यम से लंबी अवधि में बाजार की दिशा तय करेंगे।

आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के क्या मायने हैं?

सरकार के बजट-पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, आगामी वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है, जो विकसित देश बनने के लिए आवश्यक वृद्धि दर से काफी कम है। (Budget 2025) वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि और श्रम जैसे क्षेत्रों में विनियमन हटाने और अन्य सुधार की जरूरत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश किए गए अर्थव्यवस्था की स्थिति संबंधी दस्तावेज में संकेत दिया गया है कि भारत की विश्व को पछाड़ने वाली वृद्धि धीमी पड़ रही है तथा 2047 तक विकसित भारत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक लगभग 8 प्रतिशत वार्षिक दर प्राप्त करने के लिए और अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। छुट्टियों के कारण शनिवार को एशियाई बाजार बंद रहेंगे। इससे पहले घरेलू शेयर बाजार में सपाट शुरुआत हुई।

बीते वर्षों में बजट की घोषणाओं का बाजार पर क्या असर पड़ा?

बाजार के जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से बजट के दिन शेयर बाजार की चाल बदल जाती है। यदि बाजार में गिरावट आती है तो कुछ समय के भीतर इसमें सुधार भी हो जाता है। बावजूद इसके पिछले पांच सालों के (Budget 2025) बजट पर नजर डालें तो दो बार बजट के दिन सेंसेक्स में उछाल देखने को मिला और तीन बार बजट के दिन सेंसेक्स में भारी गिरावट देखने को मिली।

बजट का असर इस बार बाजार पर कैसा होगा यह कहना मुश्किल है। सप्ताह के पहले दिन बाजार में बिकवाली हावी रही है। वहीं हफ्ते के दूसरे दिन मंगलवार को निफ्टी और बीएसई इंडेक्स में उछाल रहा। बुधवार 29 फरवरी को एनएसई निफ्टी 205.85 अंक बढ़कर और बीएसई 653.95 अंक बढ़कर बंद हुआ। (Budget 2025) बजट सप्ताह होने की वजह से बाजार में हलचल बनी हुई है। यदि पिछले पांच साल के बजट पर नजर डालें तो बजट भाषण के बीच बाजार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

शेयर बाजार पर असर

विशेषज्ञ बताते हैं कि साल 2021 में बजट वाले दिन शेयर बाजार 21 प्रतिशत चढ़ा था, जबकि बजट के दिन सबसे अधिक गिरावट साल 2020 में देखने को मिली, जब बजट के दौरान 2.4 प्रतिशत गिरावट आई थी। पिछले साल 23 जुलाई 2024 को बजट पेश किया गया था और वित्त मंत्री कैपिटल गेन्स टैक्स को लेकर अपना भाषण दिया था, तो बीएसई सेंसेक्स में 1200 अंकों की गिरावट आई और एनएसई इंडेक्स 400 अंक तक टूटा था, हालांकि बाद में बाजार बंद होने तक रिकवरी देखने को मिली। असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट के शोध प्रमुख सिद्धार्थ भामरे ने बताया बाजार बजट पर हमेशा से रिएक्ट करता रहा है, (Budget 2025) हालांकि बड़े से बड़े इवेंट को वो आसानी से लेता भी है। 2024 के आम चुनाव के नतीजे जो बाजार के अनुमान के मुताबिक नहीं आए थे, उसकी वजह बाजार में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन बाद में बाजार बंद होने से पहले इसमें सुधार हुआ और कुछ दिन में निवेशक और बाजार इस इवेंट से आगे बढ़ गए। मुझे उम्मीद है कि इस बार के बजट के दिन भी शेयर बाजार पर सेक्टर वाइज असर होगा।

शेयर बाजार के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि साल 2020 में बजट के दिन बीएसई सेंसेक्स 988 अंक टूटा यानी 2.43 प्रतिशत की गिरावट रही, जबकि एनएसई निफ्टी 300 अंक फिसला था। साल 2019 में बीएसई सेंसेक्स 212 अंक चढ़ा यानी 0.59 प्रतिशत बढ़ा था, वहीं एनएसई निफ्टी में 62.7 अंक का उछाल आया था। साल 2018 में सेंसेक्स 839 अंक टूटा यानी 0.16 प्रतिशत गिरा, जबकि निफ्टी 256 अंक टूटा था। साल 2017 में सेंसेक्स बजट वाले दिन 486 अंक बढ़ा यानी 1.76 प्रतिशत चढ़ा और वहीं निफ्टी 155 अंक पर पहुंच गया था। साल 2016 में सेंसेक्स में 152 अंकों गिरावट यानी 0.66 प्रतिशत की गिरावट रही और निफ्टी 42.7 अंकों के साथ फिसला।

पहले बजट की तारीख फरवरी की आखिरी तारीख होती थी

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल 2015-2019 तक बजट की तारीख फरवरी की आखिरी तारीख हुआ करती थी लेकिन तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस परंपरा को बदल दिया और इसको फरवरी की पहली तारीख को पेश किया जाने लगा। हालांकि इसके समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है और ये पहले की तरह सुबह के 11 बजे पेश किया जाता है।

विशेषज्ञों को बजट से उम्मीद

असित सी मेहता इन्वेस्टमेंट के शोध प्रमुख सिद्धार्थ भामरे कहते हैं बजट का बड़ा असर बाजार पर देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन यह असर सेक्टर के अनुरुप होगा, अगर (Budget 2025) बजट में कृषि, पावर, ऑटोमोबाइल और विनिर्माण के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए घोषणाएं होती हैं या फिर प्रोत्साहन स्कीम को बढ़ावा मिलता है, तो उन सेक्टर में तेजी रहेगी और जिन क्षेत्रों पर कोई घोषणा नहीं होती है या फिर उसे प्रोत्साहन नहीं मिलेगा तो वे स्टॉक गिरते हुए दिखाई देंगे। बाजार अपनी चाल से चल रहा है और बजट के दिन किस करवट बैठेगा यह कहा नहीं जा सकता है।

सैमको सिक्योरिटीज के संस्थापक जिमीत मोदी कहते हैं, बाजार के नजरिए से देखे तो बजट में विकास केंद्रित खर्च और राजकोषिय के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। विकासोन्मुखी (Budget 2025) बजट जरूरी है, लेकिन सरकार को लोकलुभावन उपायों के मामले में सावधानी बरत सकती है, क्योंकि ऐसे फैसले राजकोषीय घाटे को बढ़ा सकते हैं और रुपये को और कमजोर कर सकते है, इससे दरों में कटौती को सीमित करके आर्थिक सुधार में देरी हो सकती है। राजकोष पर दबाव से विकास की गति कम होने के संकेत मिलते है जो बाजार में बिकवाली का कारण बन सकता है।

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