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Adani Green Energy: दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी पार्क से बिजली उत्पादन की प्रक्रिया शुरू, 2030 से पहले 500 गीगावॉट पूरा करने का लक्ष्य

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Adani Green Energy: भारत एक गतिशील देश है जो लगातार हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। सरकार द्वारा आम नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं। (Adani Green Energy) इसी क्रम में, गौतम अडानी के नेतृत्व वाली कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने रिन्यूएबल एनर्जी पार्क से बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है। यह एक ऐतिहासिक क्षण है जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति लाएगा।

Adani Green Energy: रिन्यूएबल एनर्जी पार्क: एक क्रांतिकारी पहल

गुजरात के मुंद्रा में स्थित अडानी ग्रीन एनर्जी पार्क दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क है। यह पार्क 10,000 मेगावाट (एमडब्ल्यू) की क्षमता वाला है और इसमें सोलर और विंड दोनों तरह की ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। इस पार्क से उत्पादित बिजली 1.61 करोड़ घरों को रोशन करेगी, जिससे देश में बिजली की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी।

रोजगार के अवसर

इस पार्क के निर्माण और संचालन से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। (Adani Green Energy) अनुमान है कि इस पार्क से 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। यह ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर होगा।

पर्यावरण के लिए लाभदायक

रिन्यूएबल एनर्जी पार्क से पर्यावरण को भी काफी लाभ होगा। इस पार्क से उत्पादित बिजली स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त होगी, जिससे CO2 के उत्सर्जन में कमी आएगी। यह जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भारत के प्रयासों को मजबूत करेगा।

रिन्यूएबल एनर्जी पार्क भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह पार्क देश के ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, रोजगार के अवसर पैदा करेगा और पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद करेगा। (Adani Green Energy) यह भारत के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा

भारत उन देशों शामिल है जहां रिन्यूएबल स्त्रोतों से ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादन किया जाता है. विद्युत क्षेत्र में 30 जून 2018 तक रिन्यूएबल एनर्जी की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का 20% है. पिछले वर्ष सितंबर 2023 में फिक्की के भारत ऊर्जा परिवर्तन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा था कि भारत को 2030 से पहले अपने 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को हासिल करेगा. आरके सिंह ने यह भी कहा था कि यदि भारत ने कोविड-19 के कारण दो साल नहीं गवाए होते तो देश ने अभी तक रिन्यूएबल गैर-जीवाश्म ईंधन से अपनी 50% बिजली उत्पादन की क्षमता को हासिल करने में सफल होता.

केयरएज रेटिग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अपने ऊर्जा भंडारण क्षमता में वृद्धि करने के लिए तैयार है औऱ इसके लिए वित्त वर्ष 2024 में लगभग 12 गीगावॉट की जरूरत होगी. वहीं वित्त वर्ष 2030 तक इसके 70 गीगावॉट बढ़ने की उम्मीद है. (Adani Green Energy) यह विस्तार देश के रिन्यएबल एनर्जी लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए एक नए आरपीओ (Renewable Purchase Obligation) और ईएसओ (Electricity System Operator) नवीकरणीय खरीद दायित्व मानदंडो के समान है. 2030 तक 435 गीगावॉट स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता के साथ-साथ पीएसपी (Pumped Storage obligations) में 19 गीगावॉट और बीईएसएस (Battery Enabled Storage Solutions) में 42 गीगावॉट के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 14 लाख करोड़ रुपए की आवश्यकता है.

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