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West Bengal: ‘ममता बनर्जी इस्तीफा दें, वे जेल जाएंगी’, शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर भाजपा का सीएम पर हमला

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West Bengal: वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस ने अदालती जंग का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि वह वक्फ संशोधन विधेयक 2024 की संवैधानिकता को जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कांग्रेस से पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एमके स्टालिन ने भी इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया था। (West Bengal) स्टालिन और कांग्रेस के अलावा कई मुस्लिम संगठनों ने भी इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान कर दिया है।

वक्फ संशोधन विधेयक को बुधवार की देर रात लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी। इसके बाद गुरुवार के देर रात राज्यसभा ने भी इस बिल पर मुहर लगा दी थी। (West Bengal) लोकसभा में करीब 12 घंटे और राज्यसभा में करीब 13 घंटे तक इस विधेयक पर जोरदार बहस हुई थी। इस विधेयक को अब मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

West Bengal: कांग्रेस का सुप्रीम कोर्ट में चुनौती का ऐलान

संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन में शामिल सभी दलों ने वक्फ संशोधन बिल का तीखा विरोध किया था। (West Bengal) एनडीए गठबंधन की एकजुटता के कारण मोदी सरकार दोनों सदनों में यह बिल पारित कराने में कामयाब रही। संसद के दोनों सदनों की मंजूरी के बाद अब इस बिल के खिलाफ बड़ी अदालती जंग की जमीन तैयार हो गई है। इसके लिए राजनीतिक दलों के साथ ही मुस्लिम संगठन भी सक्रिय दिख रहे हैं।

कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में इस बिल का तीखा विरोध किया था। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि हम इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे। एक्स पर अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि कांग्रेस बहुत जल्द ही वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। हमें पूरा भरोसा है। (West Bengal) हम भारत के संविधान में निहित सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रथाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के सभी हमलों का विरोध करना जारी रखेंगे।

कई मुद्दों पर अदालती जंग लड़ रही कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव रमेश ने उन मामलों की भी जानकारी दी जिन्हें लेकर पार्टी की ओर से अदालत में जंग लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि सीएए 2019 को कांग्रेस ने चुनौती दी थी और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आरटीआई अधिनियम, 2005 में 2019 के संशोधनों को लेकर भी कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है।

चुनाव संचालन नियम (2024) में संशोधनों की वैधता को लेकर कांग्रेस की चुनौती पर अदालत सुनवाई कर रही है। इसके साथ ही पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की मूल भावना को बनाए रखने के लिए कांग्रेस प्रयासरत है और यह मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।

स्टालिन भी देंगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

कांग्रेस के अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ने की घोषणा कर रखी है। इस बिल को लोकसभा की मंजूरी मिलने के बाद स्टालिन ने कहा था कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ेगी। लोकसभा से विधेयक पारित होने के विरोध में स्टालिन विधानसभा में काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि देश में बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों ने इस बिल का विरोध किया है मगर इसके बावजूद रात दो बजे इस बिल को पारित किया गया और यह बिल संविधान की संरचना पर हमला है।

मुस्लिम संगठनों ने भी किया जंग का ऐलान

इस बीच मुस्लिम संगठन भी इस बिल के खिलाफ सक्रिय हो गए हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की वर्किंग कमेटी की बैठक में इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया गया। बैठक में अधिवक्ताओं से रायशुमारी भी की गई है। संगठन के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने विधेयक को खारिज करते हुए कहा कि यह देश के संविधान पर हमला और मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप है।

मदनी ने कहा कि हम संशोधन विधेयक के खिलाफ देश के सभी राज्यों के उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में भी जाएंगे। हमारे लिए अब केवल कोर्ट ही अंतिम सहारा बचा है। इस बीच शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिम समाज को स्वीकार नहीं है क्योंकि यह उनके अधिकारों पर हमला है। हम इसके खिलाफ तब तक लड़ाई लड़ते रहेंगे जब तक सरकार किसान कानून की तरह इसे वापस नहीं ले लेती है।

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